बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना:- बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई एक ऐसी योजना है| जिसके माध्यम से सरकार द्वारा बेटियों को गर्भ में ही मार देने और लड़के और लड़की में भेदभाव करने वाले मानसिकता को दूर करना है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को की गई थी|
महिला और बाल विकास स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मानव संसाधन विकास के यह तीनों योजनाएं इस योजना के अंतर्गत आता है। योजना के अंतर्गत लड़कियों की शिक्षा को आगे बढ़ाने और उनके उज्जवल भविष्य को देखते हुए सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई है लड़कियां पढ़े और आगे बढ़े।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना से सम्बंधित जानकारी
योजना का नाम | बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 2023 |
Short form | BBBP |
किसने शुरू की | पीएम नरेंद्र मोदी जी ने |
द्वारा प्रायोजित | केंद्र सरकार |
लाभार्थी | लड़कियां |
उद्देश्य | देश में लड़कियों के जीवन स्तर मैं सुधार |
योजना का साल | 2023 |
Launch Date | 22 जनवरी 2015 |
विभाग | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय |
आधिकारिक वेबसाईट | Click Here |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना जरूरी दस्तावेज़
- बेटी का जन्म प्रमाण
- निवास प्रमाण
- माता-पिता का आधार कार्ड
- पता प्रमाण- पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्य
- बालिकाओं के जन्म का उत्सव मनाना
- लिंग पक्षपाती सेक्स चयनात्मक उन्मूलन की रोकथाम
- उनके सशक्तीकरण के लिए बालिकाओं की शिक्षा पर जोर।
- बालिकाओं की शिक्षा और भागीदारी सुनिश्चित करना
- बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना
- विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण के माध्यम से बाल विवाह को रोकना
- अधिक कठोर दहेज विरोधी अधिनियम
- BBBP को लागू करने और निगरानी में जिला पंचायतों को प्रमुख बनाएगा।
Beti Bachao Beti Padhao Eligibility
- बालिका भारतीय होनी चाहिए।
- आवेदक परिवार में 10 साल से कम आयु की एक बेटी होनी चाहिए
- NRI इस BBBP योजना के लिए पात्र नहीं हैं
- बालिकाओं के नाम पर खोले गए किसी भी बैंक में एक सुकन्या समृद्धि
- खाता (SSA) होना चाहिए
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के लाभ
- बेटी परिवार पर बोझ नहीं है, बल्कि उनके समुदाय, राज्य और पूरे देश के लिए गौरव लाती है।
- लोगों को लड़कों की तरह ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक लड़कियों की पहुंच का महत्व पता होना चाहिए।
- देश भर में लड़कियों का लड़कों (लिंग अनुपात) का अनुपात अब 900 (प्रति 1000 लड़कों) से ऊपर है।
- लोगों को इसे एक बड़ी सफलता बनाने के लिए जन आन्दोलन के रूप में बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना चलाना चाहिए।
- केंद्रीय सरकार के निरंतर प्रयासों से, BBBP योजना ने बालिकाओं के प्रति लोगों के दृष्टिकोण और दृष्टिकोण को बदल दिया है।
- पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
BBBP को सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया। प्रथम चरण में सरकार द्वारा 100 जिलों में इसे लागु किया गया। सरकार द्वारा बेटियों के अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए समय समय पर beti bachao beti padhao poster भी जारी किये जाते है, जिसे अलग अलग माध्यम से दिखाया जाता है। इससे समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।चयनित जिलों में 23 राज्यों के 87 जिलें ऐसे थे, जिनका लिंगानुपात राष्ट्रिय लिंगानुपात से कम था
और 8 राज्यों के 8 ऐसे जिलों में विशेष ध्यान दिया गया जहाँ लड़कियों के जन्म की दर में कमी आयी थी।सरकार द्वारा 5 ऐसे जिलों का चयन भी किया जिन्हे उदहारण के रूप में (मॉडल) पेश कर सकें।इन पांच जिलों में बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले। इन जिलों में लिंगानुपात में काफी बृद्धि देखने को मिली।अगले चरण में सरकार द्वारा 11 राज्यों में से 61 ऐसे जिलों का चयन किया गया जहाँ का लिंगानुपात 918/1000 से काम था।